Sunday, October 3, 2010

भूमंडलीकरण और महिलाएं

पूँजी के भूमंडलीकरण के चलते आज की दुनिया में असमानता तेजी से बढ़ रही है और राज्य की कल्याणकारी भूमिका बहुत काम हो गयी है इसके कारण गरीबी, बेरोजगारी, शोषण , उत्पीडन और हिंसा की समस्याएं बेहद बढ़ गयी हैं इनकी सबसे जयादा मार औरतों पर पड़ रही है लेकिन क्या आज का इस्त्री आन्दोलन इसका कोई प्रतिकार कर पा रहा है या नहीं ? इस तरह के सवालों से रूबरू होने की जरूरत है

वैज्ञानिकता और विज्ञानं

आज के तकनिकी विकास के युग में शिक्षित लोगों के बीच भी क्यों वैज्ञानिक चेतना का हवास हो रहा है ?आज के समय में विज्ञानं और वैज्ञानिकता को कैसे समझा जा सकता है ?वैज्ञानिक चेतना के विकास के लिए आज क्या किया जा सकता है ? एक रोचक ,विचारोतेजक और अहम् काम है आईये सब मिलकर सपने को साकार करेँ

सामाजिक न्याय

सामाजिक न्याय का सवाल
मनुष्य होने के नाते समस्त मनुष्यों का मान और मूल्य समान है ,चाहे वे किसी भी वर्ग ,वर्ण ,लिंग ,जाति ,धर्म, रंग या नस्ल के हों इसलिए इन भेदों के आधार पर मनुष्य का अपमान करना अनुचित, अनैतिक तथा अन्यायपूर्ण है