"खाप पंचायत और हमारा समाज " उद्भावना मैगजीन का ९१ वाँ अंक हरयाणा के मध्यम वर्ग को जरूर पढना चाहिए |इनका अपना कोई इतिहास नहीं है --बताया श्री सूरजभान भारद्वाज इतिहासकार ने | और भी बहुत सी बातें हैं | डा महावीर नरवाल का लेख -"गोत्र विवाह और अनुवांशिक प्रभाव " पढना चाहिए |खंड 1 ----खाप पंचायतों कि ऐतिहासिक प्रष्टभूमि| खंड २---खाप पंचायतों का वर्तमान स्वरूप | खंड--३ :मानव अधिकार और खाप पंचायत | खंड--४: मीडिया और खाप पंचायत | खंड--५: सर्जनात्मक अभिव्यक्ति ---जब चले खाप का लठ| कहानी और व्यंग आदि |
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