Thursday, October 13, 2011
हैवान नहीं इंसान
हम सोच समझ कर जालिम से टकरायेंगे ||
जाने संकट ये कितने रास्ता रोकने आएंगे ||
हैवानों से टकराकर बच रहना आसान कहाँ
मैदाने जंग में जंग बाज असल बन जायेंगे||
गाली दो को मिलती दुश्मन को या मित्र को
कहीं हो न नाम हमारा कैसे सुखसे सो पाएंगे
उनकी जिद इतनी तो अपनी भी कुछ तो रहे
हैवान नहीं इंसान बनकर उन्हें हम दिखलायेंगे ||
कौन बचेगा क्या होगा फिकर नहीं है इसका
यह कलम सलामत रहे सच को सामने लायेंगे ||
यूं मरना भी क्या मरना दिल से ये आवाज उठी
पीठ दिखा कर नहीं भागेंगे गोली छाती पे खायेंगे ||
दोस्ती भी दिखावटी तुम्हारी दुश्मनी हमें है मंजूर
रणबीर ये जंग के तरीके हम अपने ही अपनाएंगे||
EK BAAT__6 line kee
सब कल्लर की जमीन है बीज उगा नहीं सकते ||
काली रात बड़ी भारी आजकल कुछ हिला नहीं सकते ||
हमारी इस उजड़ी बस्ती में अभी भी तुम ऐ यारो
चिंगारी यहाँ ढूंढते क्यों जब आग लगा नहीं सकते||
निराश मत हो ऐ दोस्तों वोह सुबह कभी तो आयेगी
जब जनता जागेगी आस बिलकुल मिटा नहीं सकते ||
अब सीख लिया मैंने तुमसे नया तराना सीख लिया ||
अब सीख लिया तुमसे मैंने नया तराना सीख लिया
औरों के कन्धों पे रख के बन्दूक चलाना सीख लिया
सच को झूठ झूठ को सच सही बनाना सीख लिया
अपनी ही तस्वीर से मैंने ऑंखें चुराना सीख लिया
अब सीख लिया मैंने तुमसे नया तराना सीख लिया ||
पैसे के दम पे दुनिया में अब इठलाना सीख लिया
धर्म के नाम पर जनता को खूब लड़ना सीख लिया
अब सीख लिया मैंने तुमसे नया तराना सीख लिया ||
भूल कर गम अपना झूठे सपने सजाना सीख लिया
जीना है तो भूलो अपने को नया फ़साना सीख लिया
अब सीख लिया मैंने तुमसे नया तराना सीख लिया ||
सब कुछ दांव पे लगाकर पैसा कमाना सीख लिया
जैसा मौसम हो मैंने वैसा बजा बजाना सीख लिया
अब सीख लिया मैंने तुमसे नया तराना सीख लिया ||
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