अंतरराष्ट्रीय वित्त शोध संस्था ऑक्स फॉम ने दावोस में जारी रिपोर्ट ने हमारे देश की आय के आधार पर गैर बराबरी को प्रस्तुत किया है की हमारे देश में सबसे निचले वर्ग के 50% लोगों के पास संपत्ति देश की कुल संपत्ति का केवल 3% ही है जबकि देश के 1% अमीर लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 40% भाग है रिपोर्ट में लैंगिक गैर बराबरी भी चरम सीमा पर है हमारे देश में महिला श्रमिकों को पुरुष श्रमिक के वेतन अथवा दिहाड़ी दे में बराबर कार्य करने के बावजूद भी केवल 63% ही वेतन अथवा दिहाड़ी मिलती है यह जेंडर के साथ सबसे बड़ा अन्याय है अनुसूचित वर्ग के मजदूरों को सामाजिक दृष्टि से संपन्न वर्गों के मुकाबले केवल 50% ही परीश्रमिक मिलता है तथा ग्रामीण श्रमिकों को शहरों में काम करने वाले मजदूरों के मुकाबले केवल 50% ही परिश्रमिक मिलता है ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं व खेतिहर मजदूरों के गरीब रहने का मुख्य कारण उनको शहरी मजदूरों के समान काम के मुकाबले 50% कम परिश्रमिक मिलना है इतनी गैर बराबरी बढ़ने के लिए देश में लागू आर्थिक नीतियां सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं यदि हमारे देश में सहकारिता को प्राथमिकता से जमीनी स्तर पर लागू किया जाए तो उपरोक्त असमानता को कम किया जा सकता है हरियाणा विज्ञान मंच ने हरियाणा उद्यान विभाग को कई बार सुझाव दिया है कि उत्कृष्टता सब्जी केंद्र घरौंडा में पौध तैयार करने में 90% महिला मजदूर कार्य करती हैं वे सब्जी की नर्सरी तैयार करने में बहुत निपुण है हरियाणा उद्यान विभाग की ओर से ग्रामीण महिलाओं को पोली हाउस लगाने का प्रशिक्षण देकर सहकारिता से पोली हाउस चलाने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रेरित किया जाए तो इससे उन्हें स्थाई रोजगार मिलेगा इसी तरह हरियाणा सरकार स्वयं सहायता समूहो के लिए खाद्य प्रसंस्करण से उत्पाद तैयार करने को केवल सहकारिता के लिए आरक्षित कर दिया जाए इससे हरियाणा में 100000 महिलाओं को स्थाई रोजगार मिलेगा धन्यवाद डॉ राजेंद्र सिंह राज्य कमेटी सदस्य हरियाणा विज्ञान मंच 98 130 87 186
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