आज के विकास की परिभाषा
असमानता और विषमता को बढ़ावा देने वाला
पर्यावरण के संतुलन को ख़राब करने वाला
बेरोजगारी को बढ़ावा देने वाला
एक राष्ट्र को दुसरे राष्ट्र द्वारा दबाने वाला
स्त्रियों को हासिये पर डालने वाला
स्त्रियों की अस्मिता को खत्म करने वाला
बच्चों का बड़े पैमाने पर शोषण करने वाला
महिला का बड़े पैमाने पर कोमोड़ीफिकेशन करने वाला
सभी को बाजार हवाले छोड़ने वाला
प्रकृति का अंधाधुंध दोहन करने वाला
मनुष्य की मानवीय जरूरतों के आधार की बजाय मुनाफे पर आधारित उत्पादन का समर्थन करने वाला
जनसँख्या के बड़े हिस्से की जीवन गुणवत्ता को ध्यान में रखकर न चलने वाला -- मसलन शिक्षा ,स्वास्थ्य व् सांस्कृतिक क्षेत्रों का धयान न रखने वाला
पुरुष सत्ता का प्रतीक विकास
ज्ञान विज्ञानं को तकनीक में बदलकर सूचना पर कब्ज़ा करके चलने वाला विकास
विज्ञानं को मानव के खिलाफ खड़ा करने वाला
मनुष्य जाति को युद्धों में धकेलने वाला
सामाजिक असुरक्षा पैदा करने वाला
यांत्रिक ढंग से किया जा रहा विकास
मूल रूप से स्त्री विरोधी , प्रकृति विरोधी विकास
एक उप्भोग्तावादी अपसंस्कृति विकसित करने वाला
विविधता की बजाय एकरसता की हिमायत करने वाला
हिंसक और विनासकारी प्रवर्तियों को बढ़ावा देने वाला
जनता के बड़े हिस्से के श्रम के शोषण पर टिका रहने वाला
विज्ञानं की मरदाना अवधारणा व्याख्यायित करने वाला
मनुष्य की संज्ञान क्षमताओं को घटाने वाला
चीजों को उनके सन्दर्भों से काटकर देखने वाला
अलगाव,गैर बराबरी व् गई भागीदारी पर आधारित वैधता की कसौटियों वाला
क्षेत्रीय असमानता बढ़ने वाला
ऐसे विकास से तौबा !!!
असमानता और विषमता को बढ़ावा देने वाला
पर्यावरण के संतुलन को ख़राब करने वाला
बेरोजगारी को बढ़ावा देने वाला
एक राष्ट्र को दुसरे राष्ट्र द्वारा दबाने वाला
स्त्रियों को हासिये पर डालने वाला
स्त्रियों की अस्मिता को खत्म करने वाला
बच्चों का बड़े पैमाने पर शोषण करने वाला
महिला का बड़े पैमाने पर कोमोड़ीफिकेशन करने वाला
सभी को बाजार हवाले छोड़ने वाला
प्रकृति का अंधाधुंध दोहन करने वाला
मनुष्य की मानवीय जरूरतों के आधार की बजाय मुनाफे पर आधारित उत्पादन का समर्थन करने वाला
जनसँख्या के बड़े हिस्से की जीवन गुणवत्ता को ध्यान में रखकर न चलने वाला -- मसलन शिक्षा ,स्वास्थ्य व् सांस्कृतिक क्षेत्रों का धयान न रखने वाला
पुरुष सत्ता का प्रतीक विकास
ज्ञान विज्ञानं को तकनीक में बदलकर सूचना पर कब्ज़ा करके चलने वाला विकास
विज्ञानं को मानव के खिलाफ खड़ा करने वाला
मनुष्य जाति को युद्धों में धकेलने वाला
सामाजिक असुरक्षा पैदा करने वाला
यांत्रिक ढंग से किया जा रहा विकास
मूल रूप से स्त्री विरोधी , प्रकृति विरोधी विकास
एक उप्भोग्तावादी अपसंस्कृति विकसित करने वाला
विविधता की बजाय एकरसता की हिमायत करने वाला
हिंसक और विनासकारी प्रवर्तियों को बढ़ावा देने वाला
जनता के बड़े हिस्से के श्रम के शोषण पर टिका रहने वाला
विज्ञानं की मरदाना अवधारणा व्याख्यायित करने वाला
मनुष्य की संज्ञान क्षमताओं को घटाने वाला
चीजों को उनके सन्दर्भों से काटकर देखने वाला
अलगाव,गैर बराबरी व् गई भागीदारी पर आधारित वैधता की कसौटियों वाला
क्षेत्रीय असमानता बढ़ने वाला
ऐसे विकास से तौबा !!!
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