Tuesday, October 18, 2011

पूरी दुनिया के लोग चाहते हैं आज उजाला

पूरी दुनिया के लोग चाहते हैं आज उजाला
भारत भी चाहता वापस धन अपना काला
अमरीका हथियारों पर बंद करे अपना खर्चा
वाल स्ट्रीट कब्जाओ चारों तरफ चली चर्चा

पिछले साल चालीस प्रतिशत बढ़ी  महंगाई
लोग भूखे सोते आज भी ऐसी नौबत आई
इंसानियत मांग रही है आज पूरा हिस्साब
दूसरी दुनिया संभव है लिखी जा रही किताब
अमीर गरीब की खाई जरूर कम करेंगे हम
रँग बिरंगी दुनिया में कुदरती रँग भरेंगे हम
जात पात की पंतें लाँघ कर समाज इंसानी हो
इसके लिए चाहे हमको देनी कितनी कुर्बानी हो
एक या दो का मसला नहीं मसला पूंजीवाद का
नक्शा बनाना लाजमी मार्क्स के समाजवाद का
पुराने रँग अधूरे रहेंगे नए रँग भी खोजे जायेंगे
इन्सां का शोषण न करे इन्सां ऐसा संसार रचाएंगे
पूरी दुनिया में निराली दिवाली उस रोज मनाएंगे
रणबीर का सपना है की कभी तो मंजिल पाएंगे 

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