SOME IMPORTANKT FOLK SONGS


मुफतखोर का कुटम्ब रहै ना आलीसान  मकान बिना
काम करनिया फिरें भटकते टूटी झोंपड़ी छान बिना
मुफ्त खोर के घर मैं हमेशा हलवा खीर बनाई जा
इनके घर मैं बासी खिचड़ी घोल शीत मैं खाई जा
उनके घर मैं बर्फी पड़े बाहर तैं बालू स्याही जा
उनके घर मैं सूकी रोटी प्याज के साथ धिकाई जा
उनके घर मैं कोई रहै ना बढ़िया खान और पान बिना ||
इनके घर मैं हो सै लडाई पेट भराई अन्न और धान बिना||
मुफ्त खोर कै दो दो तीन तीन लिफ्ट लागरी कोठी मैं
इस गरीब बेचारे का जीवन बीते हालात घनी खोटी मैं 
मुफ्त खोर मंदिर मैं बैठज्या  गांठ मारके चोटी मैं
मेहनतकश नै मिर्च मिलै ना मोटे धान की रोटी मैं
खून मनष्य का पीवी नहीं कोई पूंजीपति धनवान बिना ||
चौबीस घंटे पचै नहीं कोए मजदूर और किसान बिना ||
कहीं सोने चान्दी की ईंट दबा रहे देश के चोर दीवारां मैं
कहीं रोटी उप्पर जूट बज रहया दलित गरीब बिचारयाँ मैं
कहीं मुफ्तखोर की बहन बेटियां घूमैं सें  मोटर कारा  मैं
कहीं नंगे पैर जेठ महिना रोवै पौध देखो गलियारा  मैं
कहीं मुफ्तखोर की मेम रहैना  मेकप के सामान बिना ||
कहीं मेहनतकश की बेटी तरसै कपडे और पहरान बिना ||
चोर लुटेरे मुफ्तखोर की यह सरकार हिमात करै
गरीब मेहनतकश के उप्पर बात बात मैं घात करै
माल मुफ्त का खाने आला सब तै घना उत्पात करै
इनकी खातर वर्ग कमरा नहीं बैठ कै कदे बात करै
इनसे  पैंडा छूटे  ना जनता के जंग महान बिना  ||
भागू राम नहीं जीना आछा आन बाण और शान बिना ||

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दीन  धरम अर पुन कर्म यु देख लिया भगवान
एक भगवान दुनिया कहवै मैं कहता दो भगवान
साचा मानस नौकरी मैं दो दीन ना टिक पावै
होज्या साहब नाराज काम मैं कई खोट बतावै
करदे रिपोर्ट ख़राब चौबीस घंटे का नोटिस पावै
उलटी मिली ना नौकरी जय सच ना छोड़ी जावै
मजबूरी मैं खड्या लखावै नीचे लीले असमान ||
बालक पालन खातिर दर दर ठोकर खानी पड़जयां
सत्य वफ़ा तप सब धरनी एक ठिकाणी पड़जयां
साच पै अड़या रहै तै रेल तले नाड़ धिकानी पड़जयां
साचे मानस नै साच की कीमत घनी चुकानी  पड़जयां
साच की उठाई अर्थी इसका होवै बहोत घना अपमान ||
माट्टी गेल्याँ होज्या माट्टी फेर पसीना खूब बहावै 
ठेठ पोह के मिहने मैं भी खेत मैं पानी ल्यावै
काली नागन बंधे उप्पर पड़ी पड़ी फ़न ठावै
मेहनत करकै छिक्ले फल फेर भी ना थ्यावै
तेरा राम जी क्यूं तेरी गेल्याँ पड़रया  सोचै नै किसान || 
चोर ज़ार लुटेरों की यो राम करै रखवाली
पग पग उप्पर झूठ रचावै करै छेक खावै जिस थाली
घाट ये तोलें टैक्स  बचावैं करैं कर घनी कुढाली 
राम की आड लेके नै इन्ने घनी लूट मचाली 
करीं छल रात दीन तान कै राम नाम की छान||
 एक हांड़ी मैं दो पेट करा दिए इन बदमाशों  नै
भोले गरीब का खून चूस लिया इन शाह्पाशों  नै
साच त्याग तप की बलि चढ़ाई इन रंगबाजों नै
भोले मेहनतकश आपस मैं लड़ा दिए इन जंगबाजों नै
रणबीर का भगवान मेहनत कुबेर का मक्कारी सै भगवान ||
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के जुलम करया इसा मेरे नहीं बात समझ मैं आयी
प्यार करया सोहनदास तै नहीं खोदी सै कोए खाई
छोरा छोरी बरोबर हों हम कोए भेद नहीं करते
छोरी नै पूरी आजादी सै देखे रोजाना दम भरते
आज के होग्या सबकै क्यों कलंकनी सबनै बताई ||
संस्कृति कै बट्टा लाया इल्जाम मेरे ऊपर लगाते
प्यार करना गलत बेटी सारे बैठ मने समझाते
चुनाव मेरा मन चाहया गलत कैसे प्यार क़ी राही||
घर क़ी इज्ज़त राखी प्यार अपने पर डटी हुयी
कहैं म्हारी इज्ज़त खोदी बात सबनै या रटी हुयी
जात पात के खिलाफ स्वामी दयानंद आवाज उठाई ||
जात तै बाहार लिकड़कै देखता ना परिवार मेरा
सुनके बात प्यार क़ी मेरे चारों तरफ दिया घेरा
रणबीर बारोने आले नै बी प्यार क़ी मेर कटाई||
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