Sunday, March 17, 2013

धरम के सै माणस का


तर्ज : चौकलिया
 धरम के सै माणस का मनै कोण बताइयो नै।
माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोण दिखाद्यो नै।।
माणस तै मत प्यार करो कौणसा  धरम सिखावै
सरेआम बलात्कार करो कौणसा  धरम सिखावै
तम दारू का ब्यौपार करो कौणसा  धरम सिखावै
रोजाना नर संहार करो कौणसा  धरम सिखावै
 धरम क्यों खून के प्यासे मनै कोण समझाद्यो नै।।
र्इसरा राम और अल्लाह जिब एक बताये सारे रै
इनके चाहवण आले बन्दे क्यूं खार कसूती खारे रै
क्यों एक दूजे नै मारण नै एके जी हाथां ठारे रै
अमीर देस हथियार बेच कै खूबै मौज उड़ारे रै
बैर करो मारो काटो लिखै वो ग्रंथ भुलाद्यो।।
मानवता का तत कहैं सब  धरमां की जड़ मैं सै
प्रेम कुदरत का सारा सब  धरमां की लड़ मैं सै
कदे कदीमी प्रेम का रिस्ता माणस की  धड़ मैं सै
कट्टरवाद नै घेर लिया यो  धरम जकड़ मैं सै
लोगां तै अरदास मेरी क्यूकरै इनै छटवाद्यो नै।।
यो जहर तत्ववाद का सब  धरमां मैं फैला दिया
कट्टरवाद घोल प्याली मैं सब तांहि पिला दिया
स्कीम बणा दंगे करे इन्सान खड़या जला दिया
बड़ मानवता का आज सब धर्मां नै हिला दिया
रणबीर रोवै खड़या इनै चुप करवाद्यो नै।।
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