Wednesday, October 8, 2025

डॉ सुब्बाराम

डॉ सुब्बाराम एक प्रख्यात फिजिसिस्ट महर्षि दयानन्द यूनिवर्सिटी के। आज हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने अपना काम प्रतिबद्धता के साथ विज्ञान कम्युनिकेशन के क्षेत्र में किया। ( साइंस कम्युनिकेशन ). उन्होंने आकाशवाणी रोहतक पर विज्ञान के कई पक्षों पर - ऑस्ट्रनॉमी आदि पर बातचीत रखी।  1989 में एक  किताब साइंस एंड साइंसिबिलिटी, compiled and edited by डॉ सुब्बाराम मंथन प्रकाशन ने प्रकाशित की। दूसरी किताब फिलासफी ऑफ साइंस 1998 में हरियाणा विज्ञान मंच के द्वारा प्रकाशित की गई।
 मैंन स्ट्रीम  और सेकुलर डेमोक्रेसी में छपे लेख 1981..1982 के दौर में ।
1985..1986,1986..1987.. में डॉ सुब्बाराम एमडीयू टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान रहे।
1688..1989 में उन्होंने वहां से रुकसत ले ली थी।
 बतौर रिसर्चर उनके लेख कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जनरल में छपे। बेटे कार्तिक को रेगुलर मोड ऑफ स्टडी से हटा कर अपने आप पढ़ने को प्रोत्साहित किया।
जन्म सन 1942 आंध्रप्रदेश । प्राथमिक शिक्षा वहीं से।
बीएससी और एमएससी की डिग्री वाराणसी हिन्दू यूनिवर्सिटी से प्राप्त की।
पीएचडी की डिग्री इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर से की।
5साल आयरलैंड और कनाडा में बिताए  रिसर्च
फैलोशिप  के माध्यम से। 
एक दशक तक एमडीयू के फिजिक्स विभाग में फिजिक्स के टीचर रहे।
क्रिएटिव लिटरेरी टेलेंट:-
दो किताब उनकी कविताओं की और एक metaphysical monologue in fictional form किताब छपी।
कविताएं कई जगह छपी।
कई लिटरेरी संस्थाओं के सदस्य रहे।
Deeply intersted in :
Social Sciences
Scientific Temper
Science and Technology
Education
कई लेख लिखे और कई जगह छपे और 4 किताबें
American Biological Institute included his name in  their Year Book of Honour
Awarded a plaque for distinguished services to  Science and Humanity.
International Biographical Centre ,Cambridge, U.K. awarded him a certificate of Merit.
State Resource Centre Haryana से भी जुड़े रहे , फिर हैदराबाद चले गए।
Man of his own and his values of life .
हैदराबाद में कुछ काम शुरू किया मगर कामयाब नहीं रहे। फिर घर पर ही अकादमिक काम में जुटे रहे।

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