Monday, February 6, 2023

मोदी

 अन्तर्घाती मोदी सरकार की नियति

आर एस एस और मोदी ने भारत को अंदर से खोखला करने के अपने अन्तर्घातमूलक अभियान का प्रारम्भ सत्ता पर आने के साल भर के अंदर ही 2015 के उस रफाल विमानों के सौदे से शुरू किया था जिसमें 126 विमानों के पहले के सौदे को विकृत करके उसे दुगने दाम पर सिर्फ 36 विमानों के सौदे में बदल दिया गया और साथ ही भारत में ही उनके उत्पादन की संभावनाओं को हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
        इसके साल भर के अंदर ही 2016 में पहले बैंकरप्सी ऐंड इंसॉल्वेंसी ऐक्ट से बैंकों की खुली लूट का रास्ता खोला गया और फिर उसी साल के अंतिम महीनों में नोटबंदी के जरिए हर घर को लूटने का कदम उठाया। उसके साल भर के अंदर ही 2017 में जीएसटी के जरिए छोटे और मझोले व्यापारियों के जीवन को दूरस्थ किया गया तथा इसके साथ ही जीवन के हर क्षेत्र में विदेशी पूंजी के अबाध प्रवेश के रास्ते खोलकर पूरी अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया गया। पड़ोसी देशों से संबंध बिगाड़ कर भारतीय वाणिज्य के विकास की एक बड़ी संभावना को नष्ट किया गया और भारत को साम्राज्यवादियों के हथियारों की खपत का एक बड़ा क्षेत्र बना दिया।
      जाहिर है कि यह सब साम्राज्यवादियों और उनके दलाल पूंजीपतियों के हितों को साधने के लिए किया जाता रहा । पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा भड़का कर और जनता के जनवादी अधिकारों को छीन कर भी उनके हित ही साधे जाते रहे।
     इसमें एकमात्र कृषि क्षेत्र और भारत का असंगठित क्षेत्र देश की सार्वभौमिकता और जनता के जीने के सहारे के तौर पर बचे हुए थे। कोरोना के दुर्भाग्यजनक काल में मोदी ने सूचिंतित ढंग से अपने लॉकडाउन के अविवेकपूर्ण कदम और 3 कृषि कानूनों से इन पर बड़ा प्राणघाती हमला कर दिया। इसके बाद, अब पूरे राष्ट्र के सामने इस सरकार के खिलाफ प्रतिरोध युद्ध में गर्जना करते हुए उतर पड़ने के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं बचा है।
रणबीर 

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