Monday, July 7, 2014

नव उदारीकरण का युवा को सन्देश


नव उदारीकरण का युवा को सन्देश 
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खाओ पीयो और मौज उडाओ
लूटो पीटो और हाथ ना आओ
लेओ मजा बनाके फिजा यारो 
आज को जीओ क़ल को भुलाओ 
जैसे भी मिले पाओ जो चाहो 
ब्याह शादी सब बकवास हुई  
किसी बंधन में मत बंध जाओ 
खुले घूमो खूब चाहे उसे पाओ 
बस  पैसा कैसे भी मिल जाये 
और और पूरी  ये लूट मचाओ 
वेश्या बनाके औरत को नचाओ 
पैसे से क्या नहीं ख़रीदा जाता
आज हमारा चाहे जैसे बिताओ  
क़ल की सोच के मत घबराओ 
बल्ले बल्ले चारों ओर तुम्हारी 
रूको मत आगे कदम बढाओ 

खेलो जो अपने को भूल पाओ 

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