Friday, February 17, 2023

नागरिकता संशोधन कानून 2019 संविधान और धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर किस प्रकार हमला करता है?*

 प्रश्न दो :*

*नागरिकता संशोधन कानून 2019 संविधान और धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर किस प्रकार हमला करता है?*

*उत्तर:*

 *जैसा कि पूर्व में ही बताया गया है कि हमारा संविधान किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, भाषा, लिंग, नस्ल तथा जन्म स्थान के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता है। भारतीय संविधान तो भारतीय नागरिकों को ही नहीं, विदेशी नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों की भी गारंटी देता है।*

 *अनुच्छेद 14 के अनुसार:*

 *राज्य धर्म, जाति, लिंग, या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करते हुए किसी भी व्यक्ति को विधि के समक्ष समानता या भारत के क्षेत्र के भीतर विधि के समान संरक्षण से इनकार नहीं करेगा।*

    *उल्लेखनीय है कि यहां व्यक्ति शब्द का उपयोग है नागरिक का नहीं । यानि अगर कोई विदेशी नागरिक है तो उसके भी मानवाधिकार सुरक्षित हैं । उसके साथ भी कानून कोई अन्याय सहन नहीं करेगा और किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा ।*

*अनुच्छेद 15 के अनुसार :*

1.  *राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म ,मूल वंश ,जाति, लिंग, जन्म स्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।*

2. *कोई नागरिक केवल धर्म, मूल, वंश, जाति, जन्म स्थान या इनमें से किसी के आधार पर* 

            क. *दुकानों ,सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और* *सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में  प्रवेश* 

           ख: *पूर्णत: या भागत:  राज्य निधि से पोषित या साधारण* *जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों , स्नान घाटों , सड़कों और* *सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग के संबंध में किसी भी निर्योग्यता , दायित्व, निर्बंधन , या सख्त के अधीन नहीं होगा।*

      3. *इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बच्चों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से नहीं रोकेगी।*

      4.*इस अनुच्छेद की या *अनुच्छेद 29 के खंड 2 की कोई* *बात राज्य को सामाजिक और* *शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्ही वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित* *जाति या अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से नहीं रोकेगी।*

*इसे इस तरह से  देखा जाना चाहिए :*

अ. *भारतीय संविधान समानता की बात करते हुए भी सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े* *तबकों के लिए विशेष संरक्षण का प्रावधान करता है, जिसे खत्म करने की बात* *बार-बार संघ परिवार करता है।*

ब.  *यह संशोधन नागरिकों के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। क्योंकि* *इसमें* *नागरिकता के आधार को* *धर्म के साथ जोड़ दिया गया*है  इसके पीछे हमारे* *देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय को दोयम* *दर्जे का नागरिक बनाने की  असंवैधानिक कोशिश है।*

     *नागरिक संशोधन कानून में कहा गया है कि पाकिस्तान,* *बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले* *अल्पसंख्यक हिंदू ,सिख, ईसाई,* *जैन, पारसी को नागरिकता दी जाएगी ।इसमें* *जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को छोड़ दिया गया है ।*         *सरकार इसे सांप्रदायिक रंग देने के लिए ही इस सीमा तक उतारू* *है कि जब सीपीआईएम की ओर से 2* *संशोधन पेश किए गए जिसमें पहले में कहा गया था कि 3 देशों* *के नाम हटाकर पड़ोसी देश कर दिए जाएं और* *दूसरा जहां धर्मों का उल्लेख किया गया है उसे हटा* *दिया जाए तो इस संशोधन को भी स्वीकार नहीं* *किया गया।*

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